Kailash Mansarovar Yatra Route From Uttarakhand : कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी ख़बर है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी (Nitin Gadkari) ने संसद में बताया कि भारतीय नागरिक दिसंबर 2023 से कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar Yatra 2023) की यात्रा चीन या नेपाल नहीं बल्कि उत्तराखंड के (Kailash Mansarovar Yatra Route From Uttarakhand) रास्ते करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) से कैलाश मानसरोवर के लिए नया मार्ग बनाया जा रहा है।
Kailash Mansarovar Yatra Route From Uttarakhand
कैलाश मानसरोवर की यात्रा में कितना समय लगता है?
नितिन गड़करी ने संसद में कहा कि उत्तराखंड से मानसरोवर (Kailash Mansarovar New Route) के लिए बनाए जा रहे नए मार्ग से यात्रा पहले से कम समय पर पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही इस मार्ग से तीर्थयात्रियों का सफ़र वर्तमान के मुक़ाबले का काफ़ी आसान हो जाएगा।
जम्मू और कश्मीर में बिछेगा सड़कों का जाल
नितिन गडकरी ने संसद में यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। नए सड़क मार्गों से श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा में काफ़ी कम समय लगेगा। नितिन गड़करी ने बताया कि कि राज्य में लगभग 7,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है।
2024 तक कितनी सड़क परियोजनाएं पूरी होंगी?
नितिन गड़करी ने संसद को बताया कि जम्मू और कश्मीर में चार सुरंगों – लद्दाख से कारगिल, कारगिल से जेड-मोड़, जेड-मोड़ से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू तक का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही जोजिला टनल पर पहले से ही ज़ोर-शोर से काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वहां करीब 1,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। उन्होंने संसद को बताया कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को 2024 की समय सीमा दी गई है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि देश के 28 राजमार्गों को आपातकाल के दौरान विमानों की लैंडिंग के लिए भी विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही इन राजमार्गों में ड्रोन और हेलीकॉप्टर एंबुलेंस उतरने के लिए विकसित किया जा रहा है।
सेतू भारतम परियोजना क्या है?
केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी (Nitin Gadkari) ने बताया कि देश में जहां भी रेल लाइन राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरती है वहां ओवरब्रिज या आरओबी (सड़क के ऊपर से गुजरने वाला पुल) बनाए जा रहे हैं। इस परियोजना को ‘सेतु भारतम’ नाम (Setu Bharatam) दिया गया है। यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्गों पर रेलवे क्रॉसिंग से छुटकारा दिलाएगा। इस परियोजना के लिए 1,600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। नितिन गड़करी ने सांसदों से कहा कि अगर आपके निर्वाचन क्षेत्र में ओवरब्रिज या आरओबी की ज़रूरत है तो मुझे प्रस्ताव भेजें।
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