देश में रविवार को लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के मामलों में सर्वाधिक बढ़ोतरी देखी गई जहां पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 6,767 नये मामले सामने आए और 147 लोगों की मौत हो गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,31,868 हो गई है जबकि बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या 3,867 तक पहुंच गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दिल्ली के नजफगढ़ स्थित चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान (सीबीपीएसीएस) में कोविड-19 के मरीजों के लिए बने स्वास्थ्य केंद्र का दौरा करने के बाद कहा कि देश में जांच करने की क्षमता बढ़ी है और रोजाना 1,50,000 नमूनों की जांच की जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कल ही हमने 1,10,397 नमूनों की जांच की थी। कल तक हमने 29,44,874 नमूनों की जांच कर ली है।’’ हर्षवर्धन ने बताया कि भारत में अब 422 सरकारी और 177 निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की जांच की जा रही है।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव से ऑनलाइन संवाद करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की घटना के बाद अचानक मामलों में हुई वृद्धि से बड़ा झटका महसूस किया था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वह घटना सभी समुदायों के लिए सबक रही कि जब देश कोई सामूहिक फैसला लेता है तो उसका अनुपालन सभी को अनुशासन के साथ करना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब इस बारे में बात करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वालों की कड़ाई से पहचान की गयी थी और जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे उनका इलाज हो चुका है।
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वालों और विदेश से आने वाले लोगों के लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए हैं।
घरेलू यात्रियों के लिए दिशानिर्देश में मंत्रालय ने सलाह दी है कि यात्रियों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु डाउनलोड करना चाहिए और राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे से रवाना करने से पहले यात्रियों के शरीर के तापमान की जांच हो।
दिशानिर्देश के मुताबिक बिना लक्षण वाले यात्रियों को स्वयं 14 दिन अपनी निगरानी करने की सलाह पर यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।
घरेलू यात्रा (हवाई/ट्रेन/ अंतर राज्यीय बस यात्रा) के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया कि संबंधित एजेंसियों को यात्रियों को टिकट के साथ क्या करें और क्या न करें की सूची भी उपलब्ध करानी होगी।
ये निर्देश भारतीय रेलवे द्वारा पिछले हफ्ते उन 100 जोड़ी ट्रेनों (अप-डाउन) की सूची जारी करने के बाद आए हैं जिन्हें एक जून से चलाया जाएगा। इन ट्रेनों में दुरंतो, संपर्क क्रांति, जन शताब्दी और पूर्वा एक्सप्रेस जैसी लोकप्रिय ट्रेनों का परिचालन शामिल है।
इसके अलावा दो महीने के अंतराल के बाद, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी 25 मई से घरेलू उड़ान सेवा फिर से शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत अगस्त से पहले पर्याप्त संख्या में अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू करने का प्रयास करेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जारी दिशानिर्देश में कहा कि विमान में सवार होने से पहले सभी यात्रियों को यह सहमति देनी होगी कि वे 14 दिनों के अनिवार्य पृथकवास में रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत में 25 मार्च से ही सभी नियमित व्यावसायिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें स्थगित हैं। हालांकि सोमवार से घरेलू यात्री उड़ानों को दोबारा शुरू किया जा रहा है जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें स्थगित रहेंगी।
हर्षवर्धन ने राव के साथ संवाद के दौरान लॉकडाउन के फैसले की प्रशंसा की और इसे सही समय पर लिया गया साहसिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि यह वायरस के खिलाफ प्रभावी सामाजिक टीका है।
उन्होंने कहा कि कई विकसित देशों ने यह फैसला लेने पर बहुत समय तक विचार-विमर्श किया और लॉकडाउन लगाने का फैसला तब किया जब स्थिति नियंत्रण से बाहर चली गई।
नजफगढ़ में कोविड-19 मरीजों को समर्पित स्वास्थ्य केंद्र का दौरा करने के बाद हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘पूरे देश में कोविड समर्पित 968 अस्पताल चिह्नित किये गये हैं जिनमें 2,50,397 बिस्तरों (1,62,237 पृथकवास बिस्तर और 20,468 गहन चिकित्सा बिस्तर) की व्यवस्था है। इनके अलावा कोविड मरीजों को समर्पित 2,065 स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनमें 1,76,946 बिस्तरों (1,20,596 पृथकवास बिस्तर और 10,691 गहन चिकित्सा बिस्तर) हैं। वहीं कोविड-19 मरीजों की देखभाल को समर्पित 7,063 केंद्रों में 6,46,438 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है।’’
देश में कोविड-19 की स्थिति की जानकारी देते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले प्रत्येक तीन दिन मामलों के दोगुना होने की दर 3.2 थी, वहीं सात दिन में यह तीन हो गई जबकि 14 दिन की गणना अवधि में यह दर 4.1 हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘ आज यह दर तीन दिन की अवधि में 13, सात दिन की अवधि में 13.1 और 14 दिन की गणना अवधि में 12.7 है। संक्रमण से मृत्यु दर 2.9 प्रतिशत है जबकि ठीक होने की दर सुधर कर 41.2 प्रतिशत हो गयी है। इससे स्पष्ट है कि लॉकडाउन की वजह से स्थिति सुधरी है।’’
स्वास्थ्य मंत्रालय के बुलेटिन के मुताबिक देश में 73,560 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि 54,440 लोग स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘करीब 41.28 प्रतिशत मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।’’
शनिवार सुबह से जिन 147 लोगों की मौत हुई है उनमें से 60 महाराष्ट्र में, 27 गुजरात में, 23 दिल्ली में, नौ मध्य प्रदेश में, सात राजस्थान में, पांच तमिलनाडु में, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में चार-चार, तीन उत्तर प्रदेश में, एक-एक मरीज की मृत्यु आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तराखंड और झारखंड में हुई।