हर साल पूरी दुनिया में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार साल 2020 की थीम ‘समय और प्रकृति’ है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 5 जून 1972 को पहली बार इस दिन को मनाया गया था और उसके बाद से आज तक विश्व पर्यावरण मनाया जा रहा है। पर्यावरण के महत्व को देखते हुए सभी देश इस दिन बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। पेड़, पौधे और प्रकृति के बारे में जागरुकता फैलाते हैं।
कोरोना महामारी की वजह से इस साल दुनियाभर में पर्यावरण दिवस पर सोशल गतिविधियों नहीं हो पाएंगी। लेकिन सोशल मीडिया व वर्चुअल माध्यम के जरिए गतिविधियां जारी रहेंगी। लेकिन इस संकट के मौके में भी एक शख्स है जो दिल से योगदान देने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। जी हां, देश में एक ऐसा व्यक्ति है जिसनें लगातार 43 वर्षों से सिर्फ और सिर्फ पेड़ लगाने का ही कार्य कर रहा है | इनकी संस्था Give me Trees Trust के तत्वावधान में अब तक पुरे देश में 2 करोड़ से ज्यादे पेड़ लगाये जा चुके हैं | दुनिया इन्हें पीपल बाबा के नाम से जानती हैं।
आबादी बढ़ने साथ-साथ इंसानी जरूरतों के बढ़ने की वजह से जहाँ एक ओर पूरी दुनियां में पेड़ कट रहे हैं वहीं दूसरी ओर पीपल बाबा ऐसे हैं जो पेड़ लगाने को जीवन का मात्र एक उद्देश्य बना चुके हैं | भारत के मशहूर पर्यावरणविद स्वामी प्रेम परिवर्तन नाम पीपल बाबा इस कारण से मिला, क्योंकि इनकी अगुवाई में अबतक 1 करोड़ 67 लाख पीपल के पेड़ लगाये गए हैं ।
पीपल बाबा शुरुआत से लेकर अब तक
देश में 43 साल पहले एक अकेले व्यक्ति नें एक अभियान की शुरुआत की थी वोशुरुआत आज आन्दोलन में तब्दील हो चुका है | पीपल बाबा के नाम से मशहूर पर्यावरणकर्मी से समय के साथ साथ लोग जुड़ते गए और आज उनकी संस्था Give me Trees Trustकुल 14500 स्वयं सेवक जुड़ चुके हैं |पीपल बाबा नें सबसे पहले 26 जनवरी 1977 को पहला पेड़ लगाया था | उसके बाद से उन्होंने हर एक दिन पेड़ लगानें का कार्य किया |
ये हैं पर्यावरण योद्धा
कोरोना काल में उद्योग धंधों के बंद होनें और मानवीय गतिविधियों के कम होनें से पर्यावरण काफी साफ हुआ है लेकिन देश में लॉकडाउन लागू होनें से नर्सरी उधोग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है | इंडियन नर्सरी एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई पी सिंह के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से पुरे देश में 100 करोड़ से ज्यादे का नुकसान हुआ है | इस संदर्भ में यूरोप के देशों खासकर यूके नें लोगों को लॉक डाउन के समय में तनाव से बचानें के लिए घर-घर नर्सरियों से पौधे भेजवाए और इन्हें लगाकर पर्यवरण संवर्धन के कार्य से अपने नागरिकों को जोड़ लिया था |
Give me Trees Trust के संस्थापक मिस्टर प्रेम परिवर्तन (पीपल बाबा ) का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं इस महामारी से बचने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है लेकिन इस समय हर एक नागरिक अगर सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए अगर एक-एक पेड़ लगाये और कुछ दिनों तक देखभाल करे (कुछ दिन बाद बरसात भी शुरू हो जाएगी, इस समय पेड़ लगाया गया तो वो पेड़ आसानी से पकड लेगा ) तो आने वाले समय में भारत को स्वच्छ पर्यावरण देनें के दिशा में एक बड़ी पूजी का निर्माण हो सकता है | इस सन्दर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना के समय में पीपल बाबा की टीम नें 8000 से ज्यादे पेड़ लगा दिया इनकी टीम के द्वारा सबसे ज्यादे पेड़ नॉएडा के सेक्टर 115 में 4,000 उसके बाद लखनऊ (2000) उसके बाद हरिद्वार में 1000 और नॉएडा के सेक्टर 50 में 1000 पेड़ लगाये गए।
दूसरे देश के लोग कैसे हो रहे हैं लाभान्वित ?
अब तक 63 देशों के छात्रों और स्वयंसेवकों ने भारत में पीपल बाबा के यहाँ प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लिया है | इन प्रशिक्षण शिविरों में आने वाले छात्र और स्वयंसेवक न्यूनतम 6 सप्ताह रहकर ट्रेनिग लेते हैं और पर्यावरण विज्ञान, वानिकी, बागवानी और कृषि उन्नयन की तकनीकी सीखते हैं। इस संदर्भ में यह बात दीगर है कि यहाँ से ट्रेनिंग लेकर वापस अपने देश में इस क्षेत्र में महती भूमिका निभा रहे हैं।
आगे की क्या है रणनीति ?
पीपल बाबा का कहना है कि आनें वाले समय में मैं और मेरी पूरी टीम अपने अनुभव और कार्य के बदौलत पुरे देश के लोगों को पेड़ लगाओ अभियान से जोड़ना चाहते हैं। 18 राज्यों के 202 जिलों तक फैले अपने अभियान को देश के सभी राज्यों तक पहचाना चाहते हैं | इनका मुख्य मकसद हरियाली क्रांति के बीज को देश के हर नागरिक तक पहुंचाकर, देश के 40 % से ज्यादे भूभाग पर हरियाली लानें का लक्ष्य पूरा करना है।