PM Narendra Modi Pravatmala Project : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ‘पर्वतमाला प्रोजेक्ट’ के उत्तराखंड समेत पहाड़ी राज्यों को होने वाले फ़ायदे गिनाए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी का कहना था कि पर्वतमाला प्रोजेक्ट (Pravatmala Project) के तहत उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा, जिससे वहां के लोगों को बुनियादी सेवाओं से लिए पहले की तरह परेशान नहीं होना पड़ेगा। इस प्रजेक्ट के तहत रुद्रप्रयाग और चमोली ज़िले में करीब 27 प्रोजेक्ट शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी का कहना था कि इस प्रोजेक्ट के तहत बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीएडीपी) पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा।
Pravatmala Project
केंद्र सरकार ने 1 फ़रवरी को आम बजट 2022 संसद में पेश किया। बजट में ‘पर्वतमाला प्रोजेक्ट’ के ऐलान के साथ उत्तराखंड में कई सालों से अटके रोपवे परियोजनाओं को एक बार फिर से नई उम्मीद मिल गई है। बताया जा रहा है कि पर्वतमाला प्रोजेक्ट से हिमालयी राज्यों में आधारभूत सेवाओं को मज़बूत करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाए जाएँगे जो कि सार्वजनिक और निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित होंगे।
पहाड़ी इलाक़ों में सड़कों के निर्माण और मेंटेनेंस में काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि रोपवे प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। इस साल 60 किलोमीटर की लंबाई वाले 8 रोपवे का निर्माण किया जाएगा।
अटकें हुए रोपवे प्रोजेक्ट
यमुनोत्री, मुनस्यारी-खलियाटॉप, बागेश्वर में नीलेश्वर पर्वत से भीलेश्वर पर्वत, चंपावत में ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी, श्रीनगर-पौड़ी, अल्मोड़ा-कसारदेवी, चमोली में वाण से वेदनी बुग्याल, उत्तरकाशी में बार्सू-मैठाणा-बरनाला-दयारा, मुनिकीरेती-कुंजापुरी धाम, अल्मोड़ा में स्याही देवी से सैनार, रुद्रप्रयाग में राऊलेक से कालीशिला, चमोली में मंडल-अनसुया माता मंदिर, चोपता-तुंगनाथ, औली से गौरसों, पौड़ी में हल्दूखाल-बूंगी देवी मंदिर, टिहरी में जुराना-चंद्रबदनी, चमोली में कार्तिक स्वामी रोपवे परियोजना।