जम्मू कश्मीर ने भारतीय सेना ने इस साल 189 आतंकियों को मार गिराया

संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू हो गया है। इस सत्र में कुल 17 दिन कार्य होगा। संसद के पहले दिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय सेना जम्मू कश्मीर में इस साल अब तक कुल 180 आतंकियों को ख़ात्मा किया है। इसके साथ ही उन्होंने देश को बताया कि सरकार ने जम्मू के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। कश्मीर से जुड़े मसले पर बोलते हुए केंद्री गृह राज्य मंत्री ने बताया कि कश्मीर में काम कर रहे 8 पत्रकारों को आतंकियों से धमकी मिली थी, जिसमें चार से अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा दिया है। नित्यानंद राय ने बताया कि पत्रकारों को यह धमकी आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से मिली। ये पत्रकार ‘राइजिंग कश्मीर’ के लिए कार्य करते हैं।

आतंकवाद के खिलाफ सख़्त है सरकार

नित्यानंद राय ने सवाल के जवाब में बताया कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य में आतंकियों के किसी तरह के हमले को विफल करने के लिए पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियां हमेशा सतर्क रहती हैं।

जम्मू-कश्मीर : 2022 में मारे गए 3 कश्मीरी पंडित

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि नवंबर 2022 तक राज्य में 123 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिसमें सुरक्षा बलों के 31 जवान शहीद हुए और 31 नागरिकों की मौत हुई। वहीं इस साल नवंबर 2022 तक जम्मू-कश्मीर में सेना के साथ एनकाउंटर में 180 आतंकवादी मारे गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य में तीन कश्मीरी पंडित समेत 14 लोग मारे गए हैं।

5 सालों में 2900 से ज़्यादा सांप्रदायिक हिंसा

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि पिछले 5 सालों में 2,900 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरे के आँकड़ों के मुताबिक़, 2021 में देश में दंगों के 378 मामले दर्ज हुए।

5 साल में 57 अर्धसैनिक बल के जवानों की मौत

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले 5 साल में भाई-भतीजावाद की घटनाओं में अर्धसैनिक बल के 57 जवानों की मौत हो गई। इसमें 22 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), 17 सीमा सुरक्षा बल (BSF), नौ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), छह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), दो सशस्त्र सीमा बल (SSB) और एक असम राइफल्स (AR) के थे।

Mohit Rawal
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मोहित रावल - द न्यूज़ स्टॉल में उत्तराखंड ब्यूरो हेड हैं। मोहित रावल पहाड़ की ख़बरों पर बारीक नज़र रखते हैं। ख़बरों पर नज़र के साथ पहाड़ों पर बुलट लेकर घूमना एक मात्र शौक़ है।

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