जुलाई के आखिरी हफ्ते में भारत पहुंच सकते हैं पहले चार राफेल लड़ाकू विमान

How India got the Rafale at a lower price - Rediff.com India News

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) भारत को मिलने वाले 36 राफेल लड़ाकू विमानों में से पहले चार विमानों के जुलाई के आखिरी हफ्ते तक भारत पहुंचने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उनकी निर्धारित आपूर्ति में करीब 11 हफ्तों की देरी हुई है।

राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे के मई के पहले हफ्ते में भारत पहुंचने का कार्यक्रम था। भारत ने फ्रांस के साथ सितंबर 2016 में 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये करीब 58,000 करोड़ में अंतर सरकारी समझौता किया था।

यह विमान कई घातक हथियारों से लैस है। राफेल विमान यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए की दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाले मीटिअर मिसाइल के साथ ही स्कैल्प क्रूज मिसाइल से सुसज्जित होंगे। मीटिअर अगली पीढ़ी की दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो हवाई लड़ाई में बेहद कारगर है।

इस मिसाइल प्रणालियों के अलावा राफेल लड़ाकू विमान में भारत की जरूरतों के मुताबिक कई फेरबदल भी किये गए हैं, जिनमें इज़राइल के हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर, लो बैंड सिग्नल जैमर, 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, इंफ्रारेड खोज एवं ट्रैकिंग प्रणाली आदि शामिल हैं।

इन लड़ाकू विमानों के स्वागत के लिए भारतीय वायुसेना ने आधारभूत ढांचा और पायलटों के प्रशिक्षण जैसी तैयारियों पहले ही कर ली हैं। इन विमानों की पहली स्क्वाड्रन अंबाला वायुसैनिक अड्डे पर तैनात की जाएगी। इसे वायुसेना के सबसे रणनीतिक रूप से स्थित वायुसैनिक अड्डों में से एक माना जाता है। भारत-पाक सीमा यहां से करीब 220 किलोमीटर दूर है।

राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा वायुसैनिक अड्डे पर तैनात होगी। वायुसेना ने इन दो केंद्रों पर विमानों के रखरखाव के लिये ढांचे तैयार करने, हैंगर स्थापित करने आदि में करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।

इन 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे जबकि छह प्रशिक्षण विमान। प्रशिक्षण विमान दो सीट वाले होंगे और उनमें युद्धक विमानों वाली लगभग सभी विशेषताएं होंगी।

Shubham Singh
Shubham Singh

शुभम सिंह - द न्यूज़ स्टॉल में न्यूज़ एडिटर है, जो देश -दुनिया की तमाम ख़बरों पर बराबर पकड़ रखते हैं। द न्यूज़ स्टॉल से पहले वे Zee News UP UK, News 18 UP में काम कर चुके हैं। अखबार पढ़कर दिन की शुरुआत करना शुभम की आदत है।

Articles: 364

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *