
दिल्ली के एक अस्पताल में मंगलवार को कोरोना वायरस से पीड़ित सेना के एक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दिल्ली पुलिस के मुताबिक उसे मंगलवार सुबह करीब चार बजे सूचना मिली कि बेस अस्पताल में कोरोनो के किसी मरीज़ ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि कोरोना वार्ड के पीछे एक पेड़ पर किसी ने रस्सी के जरिये फांसी लगायी है.
मृतक जवान की पहचान 31 साल के सेना के जवान मदने बणाओ के रूप में हुई है, जो मूल रूप से महाराष्ट्र का रहने वाला था और फिलहाल अलवर में तैनात था. पुलिस के मुताबिक मृतक को फेफड़ों का कैंसर भी था. वह 5 मई को पहले सेना के आरआर अस्पताल में भर्ती हुआ था, इसके बाद उसे बेस अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था. अधिकारियों के मुताबिक मृतक का परिवार अलवर में रहता है. उन्हें घटना की जानकारी दे दी गई है.
देश में इससे पहले भी कोरोना वायरस से पीड़ित कई लोग क्वारंटीन सेंटरों में आत्महत्या कर चुके हैं. बीती 12 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के एक संदिग्ध ने आत्महत्या कर ली थी. खबरों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में बनाये गए क्वारंटीन सेंटर की सातवीं मंजिल से एक पीड़ित युवक ने छलांग लगा दी थी. पुलिस के मुताबिक कोरोना वायरस के लक्षणों के बाद इस युवक को 14 दिनों के लिए यहां रखा गया था.
इससे पहले 18 मार्च को भी ऐसी ही एक घटना दिल्ली में हुई थी. तब दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस के एक संदिग्ध ने अस्पताल की बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. 35 वर्षीय यह व्यक्ति कुछ रोज पहले ही ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से लौटा था और कोरोना संदिग्ध पाए जाने के बाद इसे अस्पताल में क्वारंटीन किया गया था.