
20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा पेश करने की कवायद के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज फिर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहां जोर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई पर था वहीं आज उनकी घोषणाओं के केंद्र में प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेता, मध्य वर्ग के लोग और छोटे किसान रहे.
1-वित्त मंत्री ने कहा कि अगले दो महीनों तक सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा. निर्मला सीतारमण के मुताबिक इस योजना के दायरे में वे मजदूर भी आएंगे जो खाद्य सुरक्षा क़ानून के दायरे में नहीं आते. उन मजदूरों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इसके लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. निर्मला सीतारमण के मुताबिक योजना का फायदा करीब आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को मिलेगा. अगले दो महीनों तक हर प्रवासी मज़दूर परिवार को पांच-पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना मिलेगा. इस योजना को लागू कराने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी.
2-इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पांच हजार करोड़ रुपये की सहयोग राशि का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इससे हर व्यक्ति को 10 हजार रुपये तक की मदद मिलेगी. लगभग 50 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा और योजना एक महीने के भीतर शुरू हो जाएगी.
3-सरकार ने मध्य वर्ग के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम अब मार्च 2021 तक जारी रहेगी. इसके तहत होम लोन पर एक तय सीमा तक सब्सिडी मिलती है. वित्त मंत्री के मुताबिक मई 2017 से शुरू हुई इस योजना से अब तक मध्यम आय वर्ग (जिसका आय छह से 18 लाख रु सालाना के बीच है) के करीब 3.3 लाख लोगों को फायदा हो चुका है और इस वित्तीय वर्ष में और ढाई लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. उनका कहना था कि इससे आवास क्षेत्र में करीब 70 हजार करोड़ रु निवेश होगा जिसका नतीजा रोजगार सृजन के रूप में भी दिखेगा.
4-निर्मला सीतारमण ने क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) कोष में छह हजार करोड़ रु डालने का ऐलान किया है. इसका मकसद आदिवासियों के लिए आय के अवसर पैदा करना है. इस पैसे को वनीकरण, पौधारोपण, मृदा प्रबंधन और वन्य जीव संरक्षण से जुड़े कामों में लगाया जाएगा.
5-सरकार ने नाबार्ड के जरिये किसानों की मदद के लिए 30 हजार करोड़ रु की अतिरिक्त मदद देने का भी ऐलान किया है. इससे पहले इस वित्तीय वर्ष में नाबार्ड को 90 हजार करोड़ रु देने का ऐलान हुआ था. नाबार्ड यह पैसा सहकारी और ग्रामीण बैंक जैसी संस्थाओं को देगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इसका फायदा करीब तीन करोड़ किसानों को होगा जिनमें ज्यादातर छोटी जोत वाले किसान हैं. निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए दो लाख करोड़ रु के कर्ज का भी ऐलान किया. यह कर्ज उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये दिया जाएगा और इस पर उन्हें विशेष छूट भी मिलेगी. वित्त मंत्री के मुताबिक इससे 2.5 करोड़ किसानों का फायदा होगा. इस योजना के दायरे में मत्य और पशुपालक भी आएंगे.
1-वित्त मंत्री ने कहा कि अगले दो महीनों तक सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा. निर्मला सीतारमण के मुताबिक इस योजना के दायरे में वे मजदूर भी आएंगे जो खाद्य सुरक्षा क़ानून के दायरे में नहीं आते. उन मजदूरों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इसके लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. निर्मला सीतारमण के मुताबिक योजना का फायदा करीब आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को मिलेगा. अगले दो महीनों तक हर प्रवासी मज़दूर परिवार को पांच-पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना मिलेगा. इस योजना को लागू कराने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी.
2-इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए पांच हजार करोड़ रुपये की सहयोग राशि का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इससे हर व्यक्ति को 10 हजार रुपये तक की मदद मिलेगी. लगभग 50 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा और योजना एक महीने के भीतर शुरू हो जाएगी.
3-सरकार ने मध्य वर्ग के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम अब मार्च 2021 तक जारी रहेगी. इसके तहत होम लोन पर एक तय सीमा तक सब्सिडी मिलती है. वित्त मंत्री के मुताबिक मई 2017 से शुरू हुई इस योजना से अब तक मध्यम आय वर्ग (जिसका आय छह से 18 लाख रु सालाना के बीच है) के करीब 3.3 लाख लोगों को फायदा हो चुका है और इस वित्तीय वर्ष में और ढाई लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. उनका कहना था कि इससे आवास क्षेत्र में करीब 70 हजार करोड़ रु निवेश होगा जिसका नतीजा रोजगार सृजन के रूप में भी दिखेगा.
4-निर्मला सीतारमण ने क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) कोष में छह हजार करोड़ रु डालने का ऐलान किया है. इसका मकसद आदिवासियों के लिए आय के अवसर पैदा करना है. इस पैसे को वनीकरण, पौधारोपण, मृदा प्रबंधन और वन्य जीव संरक्षण से जुड़े कामों में लगाया जाएगा.
5-सरकार ने नाबार्ड के जरिये किसानों की मदद के लिए 30 हजार करोड़ रु की अतिरिक्त मदद देने का भी ऐलान किया है. इससे पहले इस वित्तीय वर्ष में नाबार्ड को 90 हजार करोड़ रु देने का ऐलान हुआ था. नाबार्ड यह पैसा सहकारी और ग्रामीण बैंक जैसी संस्थाओं को देगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इसका फायदा करीब तीन करोड़ किसानों को होगा जिनमें ज्यादातर छोटी जोत वाले किसान हैं. निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए दो लाख करोड़ रु के कर्ज का भी ऐलान किया. यह कर्ज उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये दिया जाएगा और इस पर उन्हें विशेष छूट भी मिलेगी. वित्त मंत्री के मुताबिक इससे 2.5 करोड़ किसानों का फायदा होगा. इस योजना के दायरे में मत्य और पशुपालक भी आएंगे.