
अहमदाबाद, 15 मई :भाषा: गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि उन वह निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जाने वाले “अत्यधिक” शुल्क पर लगाम लगाने के लिये आवश्यक कदम उठाए जो कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत हैं।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला औरर न्यायमूर्ति इलेश वोरा की खंड पीठ ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को यह निर्देश दिया ।
अदालत की खंड पीठ ने विभिन्न अखबारों में कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों के बारे में छपी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुये यह निर्देश दिया जिनमें निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का मुद्दा भी था।
खंडपीठ ने निजी अस्पतालों को कोरोना वायरस का इलाज करने के एवज में मरीजों से अत्यधिक शुल्क वसूल करने को लेकर चेताया ।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि अहमदाबाद में कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए सरकार द्वारा अधिकृत कुछ निजी अस्पताल लाखों में शुल्क वसूल कर रहे हैं और ऐसे में एक सामान्य व्यक्ति कभी भी निजी अस्पताल से उपचार का लाभ नहीं उठा सकेगा।
अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निजी अस्पताल कोविड—19 के मरीजों से अत्यधिक शुल्क वसूल न करें ।
चूंकि, सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड—19 मरीज हैं, इसलिये अदालत ने सरकार को और अधिक निजी अस्पतालों को ऐसे मामलों का इलाज करने के लिये अधिकृत किये जाने पर जोर दिया।
अदालत ने यह भी कहा कि इन निजी अस्पतालों का शुल्क ढांचा राज्य सरकार को तय करना चाहिये ।