किसके कहने पर लिपुलेख में सड़क का विरोध कर रहा है नेपाल

India responds to Nepal's objection to road link via Lipulekh

भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लिपुलेख दर्रे में सड़क को लेकर नेपाल के विरोध पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हो सकता है नेपाल ने यह विरोध किसी और के कहने पर किया हो. सेना प्रमुख ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि संकेत साफ तौर पर चीन की तरफ था.
सेना प्रमुख का बयान हाल के समय में लद्दाख और सिक्किम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनातनी की घटनाओं के चलते भी अहम माना जा रहा है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक आयोजन में हिस्सा लेने वाले जनरल एमएम नरवणे का एक सवाल पर कहना था, ‘नेपाल के राजदूत ने यह बात कही है कि काली नदी के पूर्व का हिस्सा उनका है. इस पर कोई विवाद नहीं है. हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिमी हिस्से में है. तो मुझे पता नहीं कि वे विरोध क्यों कर रहे हैं.’ उनका आगे कहना था, ‘ऐसा मानने का कारण है कि उन्होंने यह मुद्दा शायद किसी और के कहने पर उठाया है.’
भारत ने हाल में लिपुलेख में जिस सड़क का उद्घाटन किया है उससे कैलाश और मानसरोवर के लिए पैदल रास्ता छोटा हो जाएगा. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस सड़क की मदद से कैलाश मानसरोवर की यात्रा महज एक हफ़्ते में की जा सकेगी. पहले इसमें दो-तीन हफ़्ते लगते थे.
लेकिन इसका नेपाल ने विरोध किया है. सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि लिपुलेख में भारत का सड़क बनाना उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है. नेपाल ने इस सिलसिले में एक बयान भी जारी किया है जिस पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के हस्ताक्षर हैं.
Shubham Singh
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शुभम सिंह - द न्यूज़ स्टॉल में न्यूज़ एडिटर है, जो देश -दुनिया की तमाम ख़बरों पर बराबर पकड़ रखते हैं। द न्यूज़ स्टॉल से पहले वे Zee News UP UK, News 18 UP में काम कर चुके हैं। अखबार पढ़कर दिन की शुरुआत करना शुभम की आदत है।

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