क्या दिल्ली में बस, मेट्रो और बाजार खुलने वाले हैं?

Delhi CM Arvind Kejriwal says lockdown won't be relaxed just yet ...

दिल्ली सरकार को लॉक डाउन के दौरान मेट्रो और सीमित संख्या में बसें चलाने का सुझाव मिला है। दिल्ली सरकार के मुताबिक उन्हें इस दौरान दिल्ली के बाजार खोले जाने को लेकर भी कई सुझाव प्राप्त हुए हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “लॉकडाउन 4.0 में दी जाने वाली जरूरी ढील को लेकर दिल्ली की जनता से मिले सुझावों पर विचार के उपरांत प्रस्ताव बना कर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है। जनता से बहुत सारे सुझाव आए थे। ज्यादातर लोगों ने दो मुख्य बातों पर जोर दिया है। पहला, मास्क है। लोगों ने सुझाव दिया है कि जब भी कोई घर से बाहर निकले, वह मास्क जरूर पहनें और दूसरा, सोशल डिस्टेंसिंग है। जो भी चीजें खोली जाएं, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना चाहिए।”

सत्येंद्र जैन ने कहा, “लोगों ने सुझाव दिया है कि बसें चलाईं जाएं, लेकिन पूरी क्षमता में नहीं, बल्कि कुछ बसें चलाई जाएं। इसी तरह, मेट्रो चलाने का सुझाव आया है। इसे भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कम क्षमता में चलाने का सुझाव मिला है। मार्केट को लेकर लोगों ने कई सारे सुझाव दिए हैं। लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से मार्केट बंद है, उसे खोल दिया जाए। कुछ लोगों का कहना है कि अभी 25 या 50 प्रतिशत मार्केट खोली जाए। शॉप को लेकर लोगों का कहना है कि इसे ऑड-ईवन करके खोला जाए।”

कुछ लोगों ने सप्ताह में तीन दिन खोलने का सुझाव दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि कोरोना वायरस कैसे व्यवहार करता है और कैसे संक्रमण बढ़ता है, पिछले दो महीने में इसके बारे में जानकारी धीरे-धीरे बढ़ी है। लॉकडाउन से काफी फायदा मिला है। अगर लॉकडाउन नहीं किया गया होता, तो संक्रमण और बढ़ सकता था। यह कह सकते हैं कि अगर हम मास्क लगाते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं और बार-बार अपने हाथों को साफ करते हैं, तो 90-95 प्रतिशत तक संक्रमण से बचने की संभावना है।

दिल्ली के कैंसर इंस्टीट्यूट के संविदा कर्मियों को तनख्वाह मिलने में देरी हुई है। दिल्ली सरकार वेतन न मिल पाने के पीछे सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी को कारण बता रही है। हालांकि इसके साथ ही सरकार का दावा है कि अब यह गड़बड़ी ठीक कर ली गई है और सभी कर्मचारियों को अब तनख्वाह दी जाएगी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “कैंसर इंस्टीट्यूट में सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण संविदा कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया था लेकिन अब इसे ठीक कर दिया गया है और अब सभी को तनख्वाह मिल रही है।”

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