कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद कितने दिन बाद करानी चाहिए जांच?

कोरोना जांच

अगर कोई शख्स कोविड-19 से संक्रमित होता है और शुरुआती स्तर पर ही उसकी जांच की जाती है तो नतीजों में ऐसा हो सकता है कि वह संक्रमित न पाया जाए। जबकि असल में वह इस बीमारी की चपेट में आ चुका होता है। एक अध्ययन में यह दावा करते हुए कहा गया है कि इस विषाणु की जांच लक्षण दिखाई देने के तीन दिन बाद करना बेहतर होता है।

यह अध्ययन पत्रिका ‘एनल्ज ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती मरीजों समेत कई अन्य मरीजों के मुंह के लार के 1,330 नमूनों का विश्लेषण किया।

अध्ययन की सह लेखक लॉरेन कुसिर्का ने कहा, ‘चाहे किसी व्यक्ति में लक्षण हों या न हों, लेकिन वह संक्रमित नहीं पाया जाता है तो यह इस बात की गारंटी नहीं है कि वह विषाणु से संक्रमित नहीं है। संक्रमित न पाए जाने पर हम मानते हैं कि यह जांच सही है और इससे दूसरे लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है।’

वैज्ञानिकों के अनुसार, जिन मरीजों के कोरोना वायरस की चपेट में आने की अधिक आशंका होती है उनका संक्रमित मानकर इलाज करना चाहिए खासतौर से अगर उनमें कोविड-19 के अनुरूप लक्षण हैं। उनका मानना है कि मरीजों को जांच की कमियों के बारे में भी बताना चाहिए।

आंकड़ों के आधार पर शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि संक्रमण की चपेट में आने के चार दिन बाद जिनकी जांच की जाती है उनमें 67 प्रतिशत से अधिक लोगों के संक्रमित न पाए जाने की संभावना होती है भले ही वे असल में संक्रमित होते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराने का सबसे सही समय संक्रमण के आठ दिन बाद है जो कि लक्षण दिखने के औसतन तीन दिन हो सकता है।

Source – Amar Ujala

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