कांग्रेस ने बढ़ाई उद्धव ठाकरे की मुश्किलें

Uddhav Thackeray might lose his CM chair. No, BJP is not planning ...
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर उद्धव ठाकरे की परेशानी बढ़ा दी है. इस चुनाव में शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के साथ महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे को मैदान में उतारा है. इसके साथ ही एनसीपी भी दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है.
विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा ने भी प्रवीण ददके, गोपीचंद पडलकर, अजित गोपछड़े और रणजीत सिंह पाटिल को प्रत्याशी बनाया है. महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल हैं. अगर एनसीपी भी चुनाव में अपने दो उम्मीदवार उतारती है, तो 9 विधान परिषद सीटों के लिए 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे. इससे उद्धव ठाकरे के निर्विरोध चुने जाने के अरमानों पर पानी फिर जाएगा.
महाराष्ट्र में 9 विधान परिषद सीटों पर 21 मई को चुनाव होने हैं. इस चुनाव के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सदस्य निर्वाचक मंडल का काम करेंगे यानी वोट देंगे. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में 28 नवंबर को शपथ ली. उन्होंने महाविकास अघाड़ी के प्रमुख के तौर पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 
संविधान के मुताबिक अगर कोई विधानमंडल का सदस्य नहीं हैं और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेता है, तो उसको 6 महीने के अंदर विधानमंडल के किसी भी सदन की सदस्यता लेनी होती है. ऐसा नहीं करने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाती है. 

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